Saturday, July 27, 2024
HomeNewsDelhiबुजुर्ग के शरीर में दायी ओर था हृदय, टीएवीआर तकनीक से बचाई...

बुजुर्ग के शरीर में दायी ओर था हृदय, टीएवीआर तकनीक से बचाई गई जान

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

बायीं तरफ न होकर दायीं तरफ हृदय था। सांस फूलने और सीने में लगातार दर्द की समस्या से जूझ रहे  थे 74 वर्षीय  बुजुर्ग


नई दिल्ली : प्रकृति के अनेक रंग है। कई बार यह रंग राहत बनकर उभरता है तो कई बार बडी समस्या खडी कर देता है। दिल्ली में एक दुर्लभ्र श्रेणी की हृदय समस्या से पीडित 74 वर्षीय बुजुर्ग की जान बचाने में डॉक्टरों ने कामयाबी हासिल की है। देश मे दायीं ओर हृदय वाले मरीज से संबंधित यह पहला मामला होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें डॉक्टरों ने मरीज को अपनी कार्यकुशला से उबारने में कामयाबी हासिल की  है। 

फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ अतुल माथुर के मुताबिक यह बेहद दुर्लभ किस्‍म का मामला है, जिसमें  जन्‍म से ही दायी ओर था हृदय। मरीज़ मोटापे के साथ-साथ ऑब्‍सट्रक्टिव स्‍लीप एप्निया (सबसे सामान्‍य किस्‍म का नींद संबंधी विकार जिसमें ऊपरी श्‍वसन मार्ग बार-बार पूर्ण या आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाता है, जिसके चलते सोते समय सांस आनी कम हो जाती है या पूरी तरह से रुक जाती है) का भी शिकार था। 

jodhpur aiims के डॉक्टरों ने कर दिखाया बडा कारनामा  

जोधपुर एम्स (aiims) के डॉक्टरों ने अपनी कार्यकुशलता से एक बडा कारनामा कर दिखाया है, जो इससे

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में टीएवीआर तकनीक का किया गया इस्तेमाल : 

सब कारणों के चलते टीएवीआर (TAVR technology) प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण थी। यह प्रक्रिया 5 घंटों तक चली। इस मामले में, मरीज़ की मृत्‍यु की आशंका बेहद अधिक थी (पहले साल 25% से अधिक और दो वर्षों में 50% से अधिक)। इस सफल प्रक्रिया के बाद, मरीज़ का जीवन सुरक्षित है और बचने की संभावना 100% है। यदि मरीज़ का समय पर उपचार और निदान नहीं किया जाता तो उनकी हालत और बिगड़ सकती थी और ऐसे में उन्‍हें हार्ट अटैक भी हो सकता था जिसके चलते मृत्‍यु की आशंका बनी हुई थी। 
यह एक रेयर कंडीशन था, जिसे चिकित्सकीय भाषा में डैक्‍ट्रोकार्डिया (दायीं तरफ हृदय) कहा जाता है। 74 वर्षीय मरीज़ श्री इंदरपाल सिंह पिछले करीब डेढ़ साल से कुछ भी काम करने पर सांस फूलने और पिछले कुछ हफ्तों से सीने में दर्द की समस्‍या से ग्रस्‍त थे। इसके अलावा, वह डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, हाइ बॉडी मास इंडैक्‍स, तथा ऑब्‍सट्रक्टिव स्‍लीप एप्निया से भी पीड़‍ित थे। मरीज को टीएवीआर (ट्रांसकैथेटर ऑर्टिक वाल्‍व रिप्‍लेसमेंट) प्रक्रिया की बदौलत जटिल समस्या से  उबार लिया गया है। 

दिल्ली में एक और स्पोर्टस इंजरी सेंटर शीघ्र होगा शुरू 

पूर्वी दिल्ली क्षेत्र के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में एक और स्पोर्टस इंजरी सेंटर की शुरूआत ह

क्या होती है टीएवीआर तकनीक : 

फोर्टिस में आने से पहले, इंद्रपाल सिंह कई अस्‍पतालों और कार्डियाक सेंटर्स में पहले भी दिखा चुके थे लेकिन उन्‍हें कोई आराम नहीं मिला। फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट, ओखला की कार्डियोलॉजी टीम ने टीएवीआर की जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया, जिसमें असामान्‍य हार्ट वाल्‍व को स्किन पंक्‍चर कर कार्डियाक कैथेटर से बदला गया, और इस तरह जटिल ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत से मरीज बच गए।  मरीज़ की जांच से पता चला कि उनके सीने में दायीं तरफ स्थित हार्ट ऑर्टिक स्‍टेनॉसिस (नैरोड मैल्‍फंक्‍शनिंग हार्ट वाल्‍व) से ग्रस्‍त था। 

Fixed Price of Medicine : मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाईयों की कीमत हुई तय

नई दिल्ली : मधुमेह अैर उच्च रक्तचाप सहित 84 आवश्यक दवाओं की खुदरा कीमतों (Fixed Price of Medicine) को तय कि
यह प्रक्रिया इस वजह से और भी मुश्किल इसलिए थी क्‍योंकि हार्ट दायीं तरफ था, और उस तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण था। भारत में, सीने में दायीं तरफ स्थित हार्ट के टीएवीआर का यह पहला मामला है। मरीज के इस हार्ट की विसंगतपूर्ण स्थिति और अन्‍य रोगों के चलते, डॉक्‍टरों ने टीएवीआर प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और 26 मई को उनके 74वें जन्‍मदिवस पर उन्‍हें नया जीवन मिला। इस प्रक्रिया के बाद मरीज़ को अस्‍पताल में तीन दिन रुकना पड़ा और उनकी हालत स्थिर होते ही अस्‍पताल से छुट्टी मिल गई। 

Read : Latest Health News | Breaking News | Autoimmune Disease News | Latest Research |  on  https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Social Bar Menu on the Top of the Website 

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article