Caas India से बातचीत में बताया कार्यकाल का एजेंडा
Delhi News : दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर गिरीश त्यागी (President Dr. Girish Tyagi) अपने कार्यकाल में डॉक्टरों और मरीजों के बीच अक्सर होने वाली तल्खी (Tension between doctors and patients) को कम करने की दिशा में गंभीरता से काम करेंगे।
Caas India से बातचीत में डीएमए (Delhi Medical Assosiation) की कमान संभालने वाले डॉक्टर त्यागी ने अपने एजेंडे पर विस्तार से बातचीत की। डॉक्टर गिरीश त्यागी दिल्ली मेडिकल काउंसिल के सचिव (Dr. Girish Tyagi, Secretary of Delhi Medical Council – DMC) सह रजिस्ट्रार (registrar) भी हैं।
हाल ही में 11 फरवरी को हुए चुनाव में उन्होंने दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (2024-25) के लिए निर्वाचित अध्यक्ष (Elected President of Delhi Medical Association) चुने गए हैं। डॉ. त्यागी ने इस चुनाव में डॉ. अजय को हराया। डीएमए के मुताबिक यह जीत एसोसिएशन के सदस्यों के भारी समर्थन का परिणाम है।
Delhi News : डॉक्टर के खिलाफ हिंसा को गंभीरता से लेगा डीएमए

डॉक्टर गिरीश त्यागी ने कहा कि डीएमए (DMA) डॉक्टरों के खिलाफ अक्सर होने वाली हिंसक घटनाओं को गंभीरता से लेगा। इसके अलावा उनके कार्यस्थिति से संबंधित मुद्दे भी उनके कार्यकाल के प्रमुख एजेंडे के तौर पर शामिल है। उन्होंने कहा कि अपर्याप्त सुविधाओं के और अभाव के बीच लंबे समय तक काम करना किसी भी चिकित्सक के लिए आसान नहीं है।
हर अव्यवस्था के लिए डॉक्टर नहीं होते जिम्मेदार
डॉक्टर त्यागी ने कहा कि अस्पतालों में होने वाली हर अव्यवस्था के लिए डॉक्टरों को जिम्मेदार (Doctors responsible for the chaos in hospitals) ठहरना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सिस्टम की खामियों को एक प्रक्रिया के तहत दुरूस्त कर सकते हैं। नीति निर्माण और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए डॉक्टरों को दोषी मानने की मानसिकता गलत है।
ऐसा देखा जाता है कि अस्पतालों (Delhi Hospital) में प्रत्येक अव्यवस्था के लिए लोग डॉक्टरों को जिम्मेदार मान लेते हैं लेकिन वास्तव में इन कमियों को सुधारना डॉक्टरों के हाथ में नहीं होता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर तो खुद अभाव और चुनौतियों के बीच लंबी ड्यूटी करते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ नकारात्मक भाव विकसित होना सभी के लिए बडी चुनौती है। डॉक्टर त्यागी ने कहा कि मरीज और डॉक्टरों के रिश्तों के बीच पहले की तरह विश्वास पैदा करना उनका प्रमुख फोकस होगा।
उपचार में असंतोष की स्थिति में हिंसा नहीं शिकायत की तय प्रक्रिया अपनाएं मरीज
डॉक्टर गिरीश त्यागी ने कहा कि कई बार मरीजों को अव्यवस्था की वजह से निराशा होती है। अगर किसी डॉक्टर को किसी मरीज के उपचार में सफलता नहीं मिलती या किसी मरीज को यह लगता है कि उनके उपचार में लापरवाही हुई है तो इसकी प्रतिक्रिया हिंसा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में मरीज तय कानूनी विकल्पों और कायदों का चयन कर सकते हैं।
वो अपने मामले के निपटारे के लिए मेडिकल सिस्टम से जुडे संस्थानों (Medical system related institutions), कोर्ट, कंज्यूमर फोरम में शिकायत (Complaint in consumer forum) कर सकते हैं। बजाए इसके किसी डॉक्टर के साथ मारपीट (assault with doctor) करना या उनके साथ अभद्रता से पेश आना उचित आचरण नहीं है।
हिंसा और दुर्व्यवहार से डॉक्टरा का मनोबल प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टरों से गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस तरह की परिस्थिति में डॉक्टर किसी भी गंभीर रूप से बीमार मरीज का उपचार करने से कतराता है। इन तमाम कारणों से जिन मरीजों को ठीक किया जा सकता है, उन्हें नुकसान उठाना पड सकता है।
डॉक्टरों के अन्य मुद्दों पर भी देंगे ध्यान
डॉक्टर गिरीश त्यागी ने कहा कि वह इन प्रमुख मुद्दों के अलावा भी डॉक्टरों के अन्य मुद्दों पर गंभीरता से काम करना चाहते हैं। जिनमें डॉक्टरों के ट्रेड से जुडे मुद्दे (Issues related to doctors’ trade), कॉरपोरेशन से संंधित मुद्दे (Corporation related issues), सॉलिड बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (Solid Biomedical Waste Management) या किसी अन्य तरह की समस्या हो, एसोसिएशन इनपर संज्ञान लेगा। डॉक्टर त्यागी ने कहा कि अपने कार्यकाल में वह अधिक से अधिक समस्याओं का समाधान और निपटारा करने की कोशिश करेंगे। जिससे डॉक्टरों को असुविधाओं का सामना करना पडता है।