Friday, October 11, 2024
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Safdarjung Hospital News : सीएमई कार्यक्रम में 35 मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने की शिरकत

कार्यक्रम के दौरान कवर किए गए विविध विषयों में फोरेंसिक विश्लेषण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका, काटने के निशान की व्याख्या, चेहरे के पुनर्निर्माण की तकनीक और आपदा पीड़ित की पहचान में चुनौतियां और प्रगति शामिल हैं।

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सफदरजंग अस्पताल में आयोजित हुआ फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी 2024

Safdarjung Hospital News :  वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (VMMC) और सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में फोरेंसिक मेडिसिन (forensic medicine) और टॉक्सिकोलॉजी (toxicology) और दंत चिकित्सा विभाग (dental department) ने सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में देशभर के 35 मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के 200 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

Safdarjung Hospital : 35 मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के विशेषज्ञ हुए शामिल

Safdarjung Hospital News : सीएमई कार्यक्रम में 35 मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने की शिरकत
Safdarjung Hospital News : सीएमई कार्यक्रम में 35 मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने की शिरकत
फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित, सीएमई में वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, भारतीय विज्ञान संस्थान (IIMC) बैंगलोर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के मौलाना आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) दिल्ली, और त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों के नेतृत्व में ज्ञानवर्धक व्याख्यान और चर्चाएं की गई।
कार्यक्रम के दौरान कवर किए गए विविध विषयों में फोरेंसिक विश्लेषण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका, काटने के निशान की व्याख्या, चेहरे के पुनर्निर्माण की तकनीक और आपदा पीड़ित की पहचान में चुनौतियां और प्रगति शामिल हैं।

आपदा प्रक्रिया टीम में शामिल हों ओडोन्टोलॉजिस्ट 

वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर सर्वेश टंडन ने आपराधिक जांच और आपदा पीड़ित पहचान प्रक्रियाओं में फोरेंसिक ओडोंटोलॉजिस्ट को एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया। सीएमई से प्राप्त सिफ़ारिशों ने फोरेंसिक विश्लेषण की सटीकता और दक्षता बढ़ाने के लिए फोरेंसिक मेडिसिन और फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया। विशेषज्ञों के मुताबिक, आपदा पीड़ित की पहचान में सुधार के लिए आपदा प्रतिक्रिया टीम में एक फोरेंसिक ओडोन्टोलॉजिस्ट को शामिल करना बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।
कार्यक्रम का उद्घाटन वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और प्रिंसिपल की मौजूदगी में भारत सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने किया। आयोजन सचिव प्रेाफेसर दीपिका मिश्रा ने कहा कि “इस सहयोगात्मक सीएमई ने ज्ञान के आदान-प्रदान और अंतःविषय संवाद के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।” उन्होंने कहा कि “सम्मानित विशेषज्ञों द्वारा साझा की गई अंतर्दृष्टि फोरेंसिक विज्ञान और इसके अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण प्रगति लाने की क्षमता रखती है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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