Saturday, July 27, 2024
HomeLatest Researchऑटोइम्यून रोग को रिर्वस करने वाली प्रोटीन वैज्ञानिक कर रहे हैं तैयार

ऑटोइम्यून रोग को रिर्वस करने वाली प्रोटीन वैज्ञानिक कर रहे हैं तैयार

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

जॉन हॉपकिन्स के विशेषज्ञ ऑटोइम्यून रोग पर कर रहे हैं अध्ययन

नई दिल्ली।टीम डिजिटल :
ऑटोइम्यून रोग, Autoimmune Disease (रुमेटीइड गठिया और मल्टीपल स्केलेरोसिस) प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित समस्या है। जब प्रतिरक्षा प्रणाली अनजाने में शरीर के ऊतकों और अंगों पर ही हमलावर हो जाती है और इससे शरीर में होने वाली समस्याओं को ऑटोइम्यून रोग (autoimmune disease awareness) कहा जाता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी मनाना है कि आनुवंशिकी इस तरह के रोगों के विकास में भूमिका निभाती है। जबकि, इसके रोकथाम और उपचार बाहरी कारकों, जैसे पोषण और पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित कर किया जाता है। 
जॉन्स हॉपकिन्स के विशेषज्ञों की एक टीम मानती है कि ऑटोइम्यून रोग (Autoimmune Disease) की रोकथाम और उपचार का राज कहीं न कहीं सेलुलर स्तर के अंदर छुपा है। वैज्ञानिकों की इस टीम ने एक खास प्रोटीन तैयार किया है नियामक टी कोशिकाओं (ट्रेग्स) की तादाद को सक्रिय कर उसे बढाने में मदद करता है। इससे ऑटोइम्यून रोगों की रोकथाम में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे संबंधित परिणाम उनके सेल्स रिपोर्ट में उजागर हुए हैं। 
ऑटोइम्यून रोग को रिर्वस वाली प्रोटीन वैज्ञानिक कर रहे हैं तैयार
ऑटोइम्यून रोग को रिर्वस वाली प्रोटीन वैज्ञानिक कर रहे हैं तैयार
केमिकल और बायोमोलेक्यूलर इंजीनियरिंग और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर और शोध दल के सदस्य जेमी स्पैंगलर के मुताबिक “प्रतिरक्षा प्रणाली को संतु​लित रखने में ट्रेग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं लेकिन जब यही बेकार हो जाते हैं तब ऑटोम्यून्यून बीमारियों (Autoimmune Disease) का विकास कर सकते हैं। इस अध्ययन से पता चला है कि यह अणु ऑटोइम्यून बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है।
[irp posts=”8039″ ]
अध्ययन में यह पाया गया है कि अणु, जो (इंटरल्यूकिन -2 साइटोकिन और एंटी-साइटोकाइन एंटीबॉडी F5111 को फ़्यूज़ करता है) ने Treg सक्रियण और विस्तार को बढाया। साथ ही गैर-मोटे मधुमेह से पीडित चूहों को ऑटोइम्यून रोग के विकास के खिलाफ सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण डिग्री तक संरक्षित भी किया। यहां बता दें कि मधुमेह भी एक ऑटोइम्यून बीमारी है।
ऑटोइम्यून रोग को रिर्वस वाली प्रोटीन वैज्ञानिक कर रहे हैं तैयार
ऑटोइम्यून रोग को रिर्वस वाली प्रोटीन वैज्ञानिक कर रहे हैं तैयार
इस प्रक्रिया के तहत विशेष रूप से Tregs को लक्षित और विस्तारित किया जाता है। इसका उपयोग प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को दबाने के लिए किया जाता है। अध्ययन के प्रमुख लेखक और रासायनिक और जैव-आणविक इंजीनियरिंग विभाग में पीएचडी उम्मीदवार डेरेक वानडाइक के मुताबिक ऑटोइम्यून बीमारी से पीडित लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली उनके शरीर के खिलाफ ही काम करने लगती है। ऐसे में  इन Tregs का उपयोग करके उस हमलों को दबाया जा सकता है। 
[irp posts=”8080″ ]
वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य के लो एक्टिव स्थिति की ऐसी बीमारियों को रिवर्स करने के इस दृष्टिकोण का उपयोग करने की संभावनाओं का वह पता लगा रहे हैं। शोध दल में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के ल्यूक टॉमसोविक, ड्रू पार्डोल, और जियोर्जियो रायमोंडी और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को में सहयोगी शामिल थे। इस शोध कार्य को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान द्वारा वित्त पोषित किया गया था। 
Read : Latest Health News|Breaking News |Autoimmune Disease News |Latest Research | on https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Social Bar Menu on the Top of the Website.

Photo : freepik


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article