Saturday, July 27, 2024
HomeLatest Researchवैज्ञानिकों ने ढूंढ ली हेपेटाइटिस ए की प्रभावी दवा, आखिर क्या है...

वैज्ञानिकों ने ढूंढ ली हेपेटाइटिस ए की प्रभावी दवा, आखिर क्या है सच 

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
वैज्ञानिकों ने हेपेटाइटिस ए वायरस की प्रभावी दवा ढूंढ ली है। इस  दावे में आखिर कितनी सच्चाई है। क्या अब इसके मरीज इस रोग से उबर जाएंगेे।

नई दिल्ली : हेपेटाइटिस ए वायरस दुनिया भर के लोगों के जीवन के लिए चुनौती पैदा कर रहा है। दशकों से वैज्ञानिक (Scientist) हेपेटाइटिस ए वायरस (Hepetitis A Virus) को मात देने में जुटे हुए हैं। इस रोग की प्रभावी दवा की तलाश में रिसर्च और शोधों का सिलसिला जारी है। इसी बीच एक खबर सामने आती है कि वैज्ञानिकों ने अब इस वायरस से निपटने के लिए हेपेटाइटिस ए की प्रभावी दवा ढूंढ निकाला है। आखिर इस दावे में कितनी सच्चाई है, आज हम यहा आपको बताएंगे। 
Hepatitis A – FAQs, Statistics, Data, & Guidelines | CDC

Hepatitis A is a vaccine-preventable liver infection caused by the hepatitis A virus (HAV). HAV is found in the stool and blood of people who are infected.
हेपेटाइटिस ए एक का वायरस लिवर में सूजन (इंफ्लामेंशन) पैदा करता है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के एक समूह ने हेपेटाइटिस ए वायरस के संभावित उपचार (Latest Treatment) को ढूंढने का दावा किया है। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि एचएवी वायरस के खिलाफ प्रभावी उपचार को ढूंढने में विशेषज्ञों ने कामयाबी हासिल की है। 


हेपेटाइटिस ए के खिलाफ कैसे मिली कामयाबी : 

वैज्ञानिकों ने ढूंढ ली हेपेटाइटिस ए की प्रभावी दवा, आखिर क्या है सच 
वैज्ञानिकों ने ढूंढ ली हेपेटाइटिस ए की प्रभावी दवा, आखिर क्या है सच
उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के मेडिकल स्कूल ने एक ऐसा पदार्थ ढूंढा है, जो हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV Virus) का पहला प्रभावी उपचार बन सकता है। एक प्रयोग के माध्यम से, शोधकर्ताओं ने पाया कि एचएवी को संख्या बढाने के लिए मानव प्रोटीन ZCCHC14 और एंजाइमों के एक समूह के साथ संपर्क स्थापित करना पडता है। इसे TENT4 पॉली (A) के रूप में जाना जाता है।
एम्स : डिप्रेशन पीडितों की होगी जिनोम सिक्वेंसिंग, 1500 मरीजों पर होगा रिसर्च 

डिप्रेशन पीडितों को लेकर एक बडी रिसर्च शुरू की गई है। 1500 मरीजों पर की जाने वाली इस रिसर्च में उनकी ज
विशेषज्ञों ने चूहों पर RG7834 नामक एक मौखिक दवा का परीक्षण किया और यह पाया कि उपचार से सूजन में कमी आ रही है। इसके अलावा वायरस की संख्या में होने वाली बढोत्तरी भी नियंत्रित होते हुए पाई गई। शोधकर्ताओं की राय है कि यह शोध हेपेटाइटिस ए के प्रसार को रोकने में सक्षम है क्योंकि प्रोटीन कॉम्प्लेक्स को मौखिक रूप से प्रशासित, छोटे-अणु चिकित्सीय हेपेटाइटिस ए के चूहों के मॉडल में लिवर की सूजन को रिवर्स करने में और वायरस को बढने से रोकने में सक्षम है। 

ऐसा करने वालों को हो सकता है हेपेटाइटिस ए : 

 जब एक असंक्रमित (और बिना टीकाकरण वाला) व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित पदार्थ के संपर्क में आता है, तो वह हेपेटाइटिस ए वायरस की चपेट में आ सकता है। मुख-गुदा संभोग, दूषित भोजन या पानी, खराब स्वच्छता, और खराब व्यक्तिगत स्वच्छता हैपेटाइटिस ए संक्रमण के माध्यम हैं। यह तेजी से लिवर को फेल कर सकता है। 
यूपी : गडबडियों के चलते 1.62 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड  निरस्त

यूपी में आयुष्मान योजना में गडबडियों को खुलासा हुआ है। जिसके चलते 1.62 लाख आयुष्मान कार्ड निरस्त होने की

हेपेटाइटिस ए के लक्षण :

बुखार
भूख की कमी
दस्त
जी मिचलाना
पेट में दर्द
गहरा मूत्र, और
दिल्ली : अब इस निजी अस्पताल में निशुल्क मिलेगी DR-TB की दवा 

DR-TB नियंत्रण की दिशा में सरकार के साथ मिलकर  काम करेगा प्राइवेट अस्पताल  दिल्ली के

पीलिया

यह गंभीरता में हल्के से लेकर गंभीर (आंखों और त्वचा का पीलापन) भी हो सकता है। जरूरी नहीं है कि सभी संक्रमित व्यक्तियों को इन लक्षणों का अनुभव हो। बच्चों की तुलना में वयस्कों में इस बीमारी से संबंधित लक्षणों और संकेतों के उभरने की संभावना अधिक होती  है। वरिष्ठ आयु समूहों में, रोग की गंभीरता और मृत्यु दर के परिणाम बढ़ जाते हैं। 6 साल से कम उम्र के संक्रमित बच्चे आमतौर पर ध्यान देने योग्य लक्षणों का अनुभव नहीं करते हैं। सिर्फ 10% लोगों में इस वायरस की वजह से पीलिया विकसित होता है। यह बार-बार अपनी मौजूदगी दिखाता है। कुछ समय तक शांत रहने के बाद यह वायरस फिर से लक्षण प्रकट करता है। 

Read : Latest Health News | Breaking News | Autoimmune Disease News | Latest Research |  on  https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Social Bar Menu on the Top of the Website 

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article