गंभीर बीमारियों (serious illness) के उपचार में आयुर्वेद और एलोपैथी (Ayurveda and Allopathy) का होगा संगम
Delhi Aiims News in Hindi : एलोपैथी और आयुर्वेद की शक्तियां (Powers of Allopathy and Ayurveda) अब एक होकर गंभीर बीमारियों (serious illnesses) पर वार करेगी। इस कडी में कैंसर (Cancer) पर प्रमुख फोकस होगा। इस बाबत एक रिसर्च करने का भी फैसला किया गया है। जिसमें गंभीर बीमारियों के उपचार में आयुर्वेद और एलोथैपी (Ayurveda and allotherapy in the treatment of serious diseases) की समग्र शक्तियों को परखा जाएगा।
Delhi Aiims : रिसर्च के लिए सेंटर स्थापित
दोनों ही चिकित्सा पद्धतियों की समग्र शक्तियों पर रिसर्च करने के लिए सेंटर स्थापित (Center established for joint research) किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने दिल्ली के एम्स में आयुष-आईसीएमआर एडवांस्ड सेंटर का उद्घाटन (Inauguration of AYUSH-ICMR Advanced Center in Delhi AIIMS) किया। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में ऋषिकेश, नागपुर और जोधपुर के एम्स में भी ऐसे सेंटरों को स्थापित किया जाएगा।
गंभीर बीमारियों के इलाज पर विशेष ध्यान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक, ‘रिसर्च में विशेषतौर पर गंभीर बीमारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पेट की गंभीर बीमारियों से लेकर कैंसर के उपचार में आयुर्वेद (Ayurveda in cancer treatment) और एलोपैथ दोनों की संयुक्त शक्तियों को मिलाकर उपचार किया जाए तो इसके बेहतर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसे में एलोपैथ के साथ मिलकर की गई ज्वॉइंट रिसर्च (Joint research done by combining allopathy and ayurveda) देश में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए संजीवनी बनकर उभर सकता है।
रिसर्च के निर्णय की सराहना कर रहे हैं आयुर्वेद विशेषज्ञ
दोनों पैथियों के संयुक्त रिसर्च के निर्णय को आयुर्वेद विशेषज्ञ सराहना कर रहे हैं। दिल्ली के निगम स्वास्थ्य में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरपी पाराशर (Dr RP Parashar) के मुताबिक, इस तरह का रिसर्च एक क्रांतिकारी पहल साबित हो सकता है। पहले भी यह देखा गया है कि एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल (Use of Ayurvedic medicines along with allopathy) दुष्प्रभावों को कम करने में बेहतर भूमिका निभाता है।
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रेडियोथैरेपी या कीमोथैरेपी मरीज के शरीर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। ऐसे में आयुर्वेद की औषधियां इस थेरेपी के दुष्प्रभावों से बचाते हैं। दुष्प्रभाव के तौर पर पेट की समस्या होना या बाल झडने की समस्या का समाधान आयुर्वेदिक औषधियों से संभव है। डॉक्टर पाराशर के मुताबिक, कैंसर के उपचार के मामलों में आयुर्वेदिक दवाओं का बहुत ही अच्छा परिणाम सामने आ रहा है।
क्रॉनिक किडनी की समस्या में आयुर्वेद से फायदा | Ayurveda in chronic kidney problem
डॉक्टर पाराशर के मुताबिक, क्रॉनिक किडनी की बीमारियों में एलोपैथ और आयुर्वेद दोनों के इस्तेमाल भी काफी फायदेमंद साबित हुआ है। ऑटोइम्यून बीमारियों में भी एलोपैथ और आयुर्वेद का मिश्रण से बेहतर परिणाम मिले हैं। लिवर की बीमारियों में आयुर्वेदिक दवाओं का प्रभाव सिद्ध हो चुका है।