Saturday, July 27, 2024
HomeLifeStyleउम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न ! 

उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न ! 

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

नासूर बन गई है वायु प्रदूषण की समस्या

 उच्च जोखिम में 40 प्रतिशत आबादी

उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न ! 
उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न !
नई दिल्ली।टीम डिजिटल :
वायु प्रदूषण (Air Pollution) नासूर बनने की राह पर है। शायद ही कोई अध्ययन होगा, जिसमें प्रदूषण को लेकर चिंता न जताई गई हो। ताजा रिपोर्ट में देश की करीब 40 प्रतिशत आबादी को प्रदूषण से उच्च जोखिम (high risk of pollution) बताया गया है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो ठंड की हल्की शुरूआत के साथ ही प्रदूषण एक बडी समस्या और मुद्दा बन जाता है। 
 
शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान की वायु गुणवत्ता लाइफ इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के उत्तरी भागों में रहने वाली करीब 40 प्रतिशत आबादी जिसमें दिल्ली और कोलकाता जैसे शहर  शामिल हैं, यहां के लोग प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के उच्च जोखिम में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की औसत आयु में से लगभग 9 साल कम कर सकता है। दूसरी तरफ रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर यहां की वायु गुणवत्ता में सुधार हो तो लोगों की उम्र करीब 5.6 साल तक बढ़ सकती है। 

प्रदूषण इस कदर प्रभावित कर सकता है सेहत : 

उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न ! 
उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न !
सफदरजंग के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रो. जुगल किशोर के मुताबिक वायु प्रदूषण का प्रभाव शॉर्ट टर्म के साथ दूरगामी भी हो सकते हैं। जब हवा में सूक्ष्म  पीएम 2.5 के कणों की तादाद अधिक हो जाए तो यह इंसानों के शरीर में प्रवेश कर खासतौर पर फेफडों को नुकसान पहुंचाते हैं। 

इन बीमारियों का भी बढ सकता है जोखिम :

उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न ! 
उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न !
लंबे समय तक प्रदूषित वातावरण में सांस लेने से सीओपीडी, निमोनिया और दिल की बीमारियों का जोखिम भी कई गुणा बढ सकता है। इसकी वजह से सेंट्रल नर्वस सिस्टम में शिथिलता हो सकती है। इन बीमारियों का प्रभाव हर व्यक्ति में अलग-अलग भी हो सकता है। प्रदूषण इंसान की जीवनशैली, स्वास्थ्य स्थिति, उम्र को सीधेतौर से प्रभावित कर सकता है। 

अस्थमा का अटैक

उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न ! 
उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न !
अस्थमा जैसी एलर्जी की समस्या से पीडित मरीजों के लिए यह वायु प्रदूषण बडी समस्या साबित हो सकती है। इसकी वजह से ऐसे मरीजों के लक्षणों में तेजी आ सकती है। केवल इतना ही नहीं ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र में लगातार रहने की वजह से  स्वस्थ व्यक्ति भी अस्थमा की समस्या से पीडित हो सकता है। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के मुताबिक ओज़ोन और कण प्रदूषण में सांस लेने  वाले  लोगों  में अस्थमा होने की उच्च संभावना होती है। 

क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस की समस्या

उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न ! 
उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न !
अगर पहले से ब्रॉन्काइटिस की समस्या नहीं है और अचानक होने लगी है और किसी प्रदूषित शहर में रहते हैं तो सतर्क हो जाने की जरूरत है। यह फेफडों में होने वाली सूजन है। जिसका समय रहते उपचार नहीं किया जाए तो फेफड़ों में जाने वाले वायुमार्ग में रुकावट हो सकती है। क्रॉनिक (पुराना) होने के बाद यह रोग लाइलाज भी हो सकता है। इसमें वायुमार्ग (ट्रेकिया और ब्रॉन्काई) में जलन महसूस होती है। इसी के कारण सूजन होता है और बलगम भर जाता है। इसके कारण खांसी होती है। कई बार लक्षण गंभीर होने पर ऑक्सीजन तक लगाना पड सकता है।

 फेफड़ों का कैंसर

उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न ! 
उम्र कम करनी हो तो धुम्रपान क्यों, वायु प्रदूषण है न !
सितम्बर में प्रकाशित लैसेंट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर, मेसोथेलियोमा, मुंह और गले के कैंसर की जोखिम को कई गुणा बढा सकता है। कुलमिलाकर एक सामान्य वातावरण के  मुकाबले प्रदूषित वातावरण में फेफडे में होने वाली समस्याएं बढने लगती है। 

Read : Latest Health News|Breaking News |Autoimmune Disease News |Latest Research | on https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Social Bar Menu on the Top of the Website.
Photo : freepik

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article