Saturday, July 27, 2024
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Lifestyle Illness : कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकती है हरियाली 

हरे स्थान की मात्रा और हड्डियों के स्वास्थ्य (bone health) के बीच गहरा संबंध है। हालांकि, इस मामले में अभी और अधिक शोध और अध्ययन की आवश्यकता है। अध्ययन करने वाले लेखकों का यह सुझाव भी है कि इस परिणाम का संबंध हरे स्थानों में वायु प्रदूषण (air pollution) के निम्न स्तर से भी हो सकता है।

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ज्वाइंट पेन जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों (Lifestyle Illness) के मामले में फायदेमंद है हरियाली

Lifestyle Illness Naural Treatment : 🌳 हरियाली (Greenery) जीवन शैली से जुडी बीमारियों (lifestyle diseases) से राहत पाने में सहायक साबित हो सकती है। हरी जगहें आपकी हड्डियों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।

Lifestyle Illness से जुडे शोध में सामने आया हरियाली 🌳 का महत्व

 एनल्स ऑफ द रूमेटिक डिजीज (Annals of the Rheumatic Diseases) में प्रकाशित शोध के मुताबिक, अधिक हरे-भरे स्थानों, जैसे, बगीचों और पार्कों वाले क्षेत्रों में रहने से हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। वही, ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम (risk of osteoporosis) भी कम हो जाता है। यू.के. बायोबैंक में 391,000 से अधिक लोगों के डेटा से एक हैरान करने वाली जानकारी निकलकर सामने आई है।
पता चला है कि हरे स्थान की मात्रा और हड्डियों के स्वास्थ्य (bone health) के बीच गहरा संबंध है। हालांकि, इस मामले में अभी और अधिक शोध और अध्ययन की आवश्यकता है। अध्ययन करने वाले लेखकों का यह सुझाव भी है कि इस परिणाम का संबंध हरे स्थानों में वायु प्रदूषण (air pollution) के निम्न स्तर से भी हो सकता है।

🌳 पार्क के पास रहने वाले लोगों में हृदय रोग का जोखिम कम

Lifestyle Illness : कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकती है हरियाली
Lifestyle Illness : कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकती है हरियाली | Photo : Canva
नियमित व्यायाम (regular exercise) और हृदय रोग (heart disease) को लेकर भी एक नए शोध से यह पता चलता है कि रोजाना 10,000-कदम चलने वाले लोगों में हृदय रोग (Lifestyle Illness) का जोखिम कम हो जाता है। ऐसे लोग जो पार्क या बगीचे के आसपास रहते हैं और नियमित रूप से सैर-सपाटा करते हैं, वह ऐसा नहीं करने वाले लोगों के मुकाबले हृदय रोग (Lifestyle Illness) से ज्यादा सुरक्षित होते हैं।
शोधकर्ताओं ने यह सुझाव भी दिया है कि अपने दोस्तों के साथ हफ्ते में एक बार पार्क में जाकर हैप्पी आवर मनाए और इस दौरान पार्क में जाकर टहलें। इससे संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। वहीं, स्ट्रोक जैसी बीमारियों (Lifestyle Illness) का जोखिम भी कम हो जाता है।

प्रतिदिन 9 हजार कदम चलने से मरने का जोखिम होता है कम

यह हमेशा बहस का विषय रहा है कि संपूर्ण स्वास्थ्य (overall health) में सुधार के लिए कितना कदम चलना जरूरी होता है? ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पाट्रर्स मेडिसिन (British Journal of Sports Medicine) में प्रकाशित एक नए अध्ययन के मुताबिक, प्रति दिन लगभग 10,000 कदम चलने से मृत्यु और हृदय रोग (CVD) के जोखिम को कम किया जा सकता है। प्र​तिदिन कम से कम 9,000 कदम चलने का लक्ष्य रखने से मरने का जोखिम 39 प्रतिशत तक कम हो सकता है। वहीं, हृदय रोग का खतरा (risk of heart disease) 21 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

🚴‍♀️ शारीरिक व्यायाम करता है स्ट्रोक के जोखिम को कम

जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और साइकाइट्री (Journal of Neurology, Neurosurgery and Psychiatry) में प्रकाशित एक नए अध्ययन मेें 751,000 से अधिक वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया गया। इसमें यह पाया गया है कि शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से स्ट्रोक का खतरा (risk of stroke) कम होता है। प्रति सप्ताह 150 मिनट या उससे अधिक मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि या 75 मिनट या अधिक की जोरदार गतिविधि करने से स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है।

💄 मेकअप करके न करें जिम

जर्नल ऑफ कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी (Journal of Cosmetic Dermatology) के नए शोध में एरोबिक व्यायाम के दौरान त्वचा पर मेकअप (Makeup on skin during aerobic exercise) के प्रभाव पर गौर किया गया है। इस छोटे अध्ययन में 43 स्वस्थ कॉलेज छात्रों को शामिल किया गया, जिन्होंने व्यायाम करने से पहले अपने चेहरे के एक तरफ फाउंडेशन लगाया और दूसरे हिस्से को साफ छोड़ दिया।
नतीजों से संकेत मिलता है कि मेकअप – विशेष रूप से फाउंडेशन जैसे त्वचा को ढकने वाला मेकअप, त्वचा के परतों को प्रभावित कर सकता है, जिसमें व्यायाम के दौरान और बाद में नमी, इसकी लोच, छिद्रों का आकार और तेल के स्तर दोनों शामिल हैं। ऐसे में जिम, जिसमें पसीना आता है, इस दौरान मेकअप से परहेज करें।

🥤 नकली मीठी चीजें हार्ट के लिए हानिकारक

एक नए अध्ययन के अनुसार, सोडा जैसे कृत्रिम रूप से मीठे पेय पदार्थ, दिल पर नकारात्मक प्रभाव (Negative effects of artificially sweetened beverages on the heart) डाल सकते हैं। शोध से पता चलता है कि जो लोग प्रति सप्ताह दो लीटर या अधिक कृत्रिम रूप से मीठे पेय पदार्थ पीते हैं, उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन (AF) का जोखिम 20 प्रतिशत अधिक होता है। जिससे अनियमित और तेज़ दिल की धड़कन से संबंधित समस्याएं हो सकती है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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