हार्ट अटैक से हो रही है कम उम्र के लोगों की मौत
नई दिल्ली। टीम डिजिटल :
हार्ट अटैक (Heart Attack) अनसुलझी पहली बनती जा रही है। कोरोना के बाद आचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौत (death due to sudden heart attack) की घटनाएं बढती जा रही है। इसकी वजह से विशेषज्ञ भी हैरान हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इसके कारणों को तलाशने की जरूरत है। पिछले कुछ समय से एक्सरसाइज के दौरान ही कई लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। इनमें कई नामचीन लोग भी शामिल हैं।
आमतौर पर हार्ट अटैक (Heart Attack) के पीछे खराब जीवनशैली, एक्सरसाइज नहीं करने की आदत, कैलेस्ट्रॉल का बढा हुआ स्तर और बीपी की समस्या को ही बताया जाता है लेकिन इसके ठीक विपरीत अब शारीरिक रूप से फिट लोगों की भी हार्ट अटैक से मौत ( physically fit people die of heart attack) होने लगी है, जो बेहद चिंताजनक विषय है। इस संबंध में विशेषज्ञ जल्दी ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंचेंगे लेकिन तबतक कुछ ऐसे उपाए हैं, जिसे अपनाकर हार्ट अटैक आने पर किसी की जान बचाने की कोशिश की जा सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक हार्ट अटैक आने से 24 घंटे पहले ही शरीर संकेत देने लगता है। ज्यादातर लोग इन लक्षणों को पहचानने में चूक जाते हैं और इसे सामान्य समझने की भूल कर बैठते हैं।
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40 वर्ष से अधिक उम्र है तो तय अंतराल पर जांच जरूरी

अगर आप स्वस्थ हैं और आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है, तो वर्ष में एक बार कुछ आवश्यक जांच जरूर करवाएं। अगर हार्ट की समस्या है, तो डॉक्टर के परामर्श के मुताबिक नियमित जांच करवाने के साथ बताई गई दवाओं को जरूर लें।
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हार्ट अटैक से 24 घंटे पहले मिलते हैं ऐसे संकेत

- दृष्टि परिवर्तन
- अत्यधिक मात्रा में खट्टी डकार आना या पेट में गैस बनना
- बेचैनी और सांस लेने में समस्या
- मिचली जैसा महसूस करना
- अत्यधिक कमजोरी या थकान
- सीने में भारीपन या दर्द महसूस होना
- जबड़ा, गर्दन, पीठ, हाथ या कंधे में दर्द
- हाथों में लगातार झुनझुनी या सुन्नता
- नींद में समस्या
- दिल की धड़कन का अचानक तेज हो जाना
- हाथ में कमजोरी या भारीपन
- सोचने और याद रखने की क्षमता में बदलाव
(इनमें से कई लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी प्रकट हो सकते है। इसलिए घबराएं नहीं)
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मौत के मुंह से वापस ला सकती है ये दवाएं

सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रोफेसर जुगल किशोर के मुताबिक अगर किसी को हार्ट अटैक आता है तो सबसे पहले अस्पताल में मदद के लिए कॉल करें। इसके बाद पीडित व्यक्ति को लेटा दें। उसे तत्काल Disprin, Ecosprin या Aspirin इनमें से कोई भी एक दवा पीडित को दें। अगर sorbitrate 5mg टेबलेट हो तो तत्काल पीडित व्यक्ति के जीभ के नीचे रख दें। इससे दर्द की तीव्रता कम हो जाती है।
इन दवाओं मे से कोई एक ही दवा मरीज को दें। विशेषज्ञों के मुताबिक इन दवाओं की वजह से मरीज को अस्पताल पहुंचाने का वक्त मिल जाता है। इसलिए आपातकालीन परिस्थिति में काम आने वाली इन दवाओं को घर में जरूर रखें। अगर आप सीपीआर देना जानते हैं, तो सहायता मिलने तक मरीज को सीपीआर देते रहें। हार्ट अटैक की सूरत में कई बार मरीज अचेत हो जाता है और इस दौरान उसके जबडे भी लॉक हो जाते हैं। ऐसे में सावधानी के साथ उसके जबडे को ऑनलॉक करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए किचन के चम्मच का सावधानी से उपयोग किया जा सकता है। अचेत व्यक्ति के जीभ के नीचे कोई एक दवा रख दें।
हृदय की स्थिति का पता लगाने के लिए यह टेस्ट है जरूरी

1. Blood Test
हृदय का हाल जानने के लिए ब्लड टेस्ट प्राथमिक जांच है। ब्लड टेस्ट से मांसपेशियों के क्षतिग्रस्त होने, कोलेस्ट्रॉल और शुगर के स्तर का पता लगाया जा सकता है। ब्लड टेस्ट से शरीर में सोडियम, ट्राइग्लिसराइड्स, विटामिन और मिनरल्स के स्तर की भी जानकारी मिल जाती है। ब्लड टेस्ट में कोलेस्ट्राल, विटामिन डी, बी के साथ शुगर की जांच जरूर करानी चाहिए।
2. इको टेस्ट
दिल का हाल पता करने में यह जांच भी बेहद उपयोगी माना जाता है। इसे इकोकार्डियोग्राम भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का अल्ट्रासाउंड है, जिससे धड़कन और हार्ट के पंप करने की क्षमता का पता चलता है। इको टेस्ट से ध्वनि तरंगों से हार्ट के अंदर की तस्वीरों को देखा जाता है। इस जांच की मदद से हार्ट में होने वाली छोटी से लेकर बडी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
3. ईसीजी
ईसीजी हृदय की जांच के लिए सबसे आम जांच माना जाता है। इस टेस्ट के दौरान किसी तरह का कष्ट नहीं होता है। ईसीजी के जरिए हृदय के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को रिकॉर्ड किया जाता है। इसके जरिए हृदय की कार्यक्षमता का आकलन किया जाता है।
4. चेस्ट एक्स-रे
अगर सांस लेने में किसी तरह की दिक्कत पेश आ रही हो तो चेस्ट एक्स-रे भी करवाने की सलाह दी जाती है। चेस्ट एक्स-रे में हृदय की तस्वीरों को देखा जा सकता है। इससे सांस में होने वाली समस्या का पता लगाया जा सकता है। रेडियोलॉजिस्ट इस एक्स-रे को कम रेडिएशन के साथ करते हैं।
5. कार्डियक सीटी स्कैन
कार्डियक सीटी स्कैन हार्ट और चेस्ट के चारों तरफ की स्थितियों को उजागर करता है। एक्स-रे ट्यूब हार्ट के आसपास के तस्वीरों को लेने में सक्षम होता है। इसे देखकर हार्ट के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है।
6. हॉल्टर मॉनिटरिंग
हॉल्टर मॉनिटरिंग टेस्ट के जरिए हार्ट के लय का पता लगाया जाता है। यह जांच तब किया जाता है जब ईसीजी की मदद से किसी तरह का एविडेंस प्राप्त नहीं होता है लेकिन मरीज समस्या महसूस करता है। इस टेस्ट को पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस की मदद से करते हैं। इस टेस्ट में व्यक्ति को 24 से 72 घंटे तक इस डिवाइस को पहनकर रखना पडता है।
अस्वीकरण : यह लेख जागरूकता के लिहाज से विशेषज्ञों की राय और बातचीत पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि लेख में सुझाए गए किसी भी दवा के उपयोग से पहले इसके विषय में अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें।
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