एचआईवी, हेपेटाइटिस सी और हेपेटाइटिस बी से एक साथ संक्रमित पाया गया triple positive patient
Triple Positive Patient| Delhi News : राजधानी दिल्ली (Delhi) के रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल (Baba Saheb Ambedkar Hospital) के डॉक्टरों की टीम ने जान पर खेलकर एक साथ तीन जानलेवा संक्रमण से पीडित मरीज (Triple Positive Patient) की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक सर्जरी की है। मरीज एचआईवी (HIV), हेपेटाइटिस बी (Hepetitis B) और हेपेटाइटिस सी (Hepetitis C) तीनों ही संक्रमण से संक्रमित पाया गया था।
डॉक्टरों के अनुसार, ट्रिपल पॉजिटिव मरीजों की सर्जरी बेहद जटिल मानी जाती है, क्योंकि ऐसे मरीजों की सर्जरी करने पर डॉक्टरों को भी संक्रमण का खतरा रहता है। इस तरह की सर्जरी में एक सामान्य मरीज के मुकाबले काफी अधिक सर्तकता और सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डॉक्टरों के मुताबिक, एक या दो संक्रमणों से पीडित मरीजों की सर्जरी एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन एक साथ तीन जानलेवा संक्रमण वाले किसी सर्जरी को दुर्लभ श्रेणी (rare category) का माना जाता है।
एडी में फ्रैक्चर का इलाज कराने आया था मरीज

हड्डी रोग विभाग के सहायक प्रोफेसर और सर्जरी टीम के मुख्य सर्जन डॉ. अंकित खुराना के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम जिला निवासी एक 27 वर्षीय युवक को एड़ी में फ्रैक्चर होने के बाद उपचार के लिए अंबेडकर अस्पताल लाया गया। ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के चिकित्सकों ने जांच करने पर पाया कि ऊंचाई से गिरने की वजह से युवक की एडी की हड्डी टूट गई है।
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हड्डी टूटने के साथ डिस्लोकेट भी हो गई थी। डॉक्टरों ने मरीज की सर्जरी करने का फैसला लिया। सर्जरी से पहले किए जाने वाले कुछ अनिवार्य जांच कराए गए तो मरीज एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी, ट्रिपल पॉजिटिव पाया गया। जिसके बाद कुछ अतिरिक्त और आवश्यक जांच के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी की योजना पर कायम रहे। एडी मेें डिस्लोकेट फ्रैक्चर की सर्जरी अपने आप में एक जटिल सर्जरी मानी जाती है लेकिन ट्रिपल पॉजिटिव मरीज होने की वजह से यह सर्जरी और अधिक जटिल हो गई।
डेढ़ घंटे तर्क सर्जरी करते रहे डॉक्टर
डॉ. अंकित खुराना के मुताबिक मरीज के एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी से संक्रमित होने की वजह से सर्जरी टीम के लिए खुद की सुरक्षा भी एक बडी चुनौती थी। इसके बावजूद भी सर्जरी टीम ने ऑपरेट करने का निर्णय लिया। सर्जरी टीम में सीनियर रेजिडेंट डॉ. करण राजपाल और आर्थोपेडिक रेजिडेंट डॉ. ज्ञानेंद्र वर्मा के अलावा एनेस्थीसिया विभाग की प्रमुख डा. वंदना चुघ और टीम के अन्य सदस्यों ने करीब डेढ घंटे तक मरीज को ऑपरेट किया और आखिरकार सर्जरी को सफलापूर्वक पूरा कर लिया गया।
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दुर्लभ मानी जाती है Triple Positive Patient की सर्जरी
सर्जरी के बाद डॉक्टर मरीज की हड्डी को बेहतर तरीके से फिक्स करने में कामयाब रहे। मरीज को पूरी तरह स्वस्थ्य पाने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। डॉ. खुराना के मुताबिक, दो संक्रमणकारी रोगोें से संक्रमित मरीज की सर्जरी भी बहुत कम ही होती है। हालांकि, तीन गंभीर रोगों से संक्रमित मरीज की सर्जरी का यह पहला मामला नहीं है लेकिन ऐसी सर्जरी को दुर्लभ किस्म का माना जाता है।