Saturday, July 27, 2024
HomeAnkylosing SpondylitisPregnancy से पहले इसतरह योजना बनाएं AS से पीड़ित महिलाएं

Pregnancy से पहले इसतरह योजना बनाएं AS से पीड़ित महिलाएं

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

Ankylosing Spondylitis and Pregnancy के संदर्भ में अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया गया है

 

नई दिल्ली।टीम डिजिटल : पहली बार एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) पता चलने पर रोग भविष्य की गर्भावस्था (pregnancy) को कैसे प्रभावित करेगा, यह पहली चिंता दिमाग में आती है। एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस (Ankylosing Spondylitis) और गर्भावस्था के संदर्भ में अभी तक कोई ऐसा अध्ययन नहीं किया गया है, जिसे व्यापक कहा जाए।

पिछले कुछ वर्षों में, नए शोधों ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान और बाद में कुछ जोखिम बना रहता है। यह जोखिम गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे संतान को लेकर रहता है। यहां हम आंक्यलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस और गर्भावस्था से जुड़े जोखिमों पर चर्चा कर रहे हैं। जिसमें उपचार की योजना और गर्भवती होने से पहले डॉक्टर से क्या चर्चा कर सकते हैं, इस पर प्रकाश डालने की कोशिश कर रहे हैं।

Ankylosing स्पॉन्डिलाइटिस के साथ गर्भावस्था के जोखिम :

विशेषज्ञों के मुताबिक़ ज्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि गठिया के कुछ रूप जैसे कि रुमेटीइड ऑर्थराइटिस और गर्भावस्था (rheumatoid arthritis and pregnancy) के दौरान रोग की गतिविधि कुछ कम हो जाती है लेकिन एएस के मामले में ऐसा नहीं दिखता।क्लीवलैंड क्लिनिक में संधिशोथ और मस्कुलोस्केलेटल सेंटर के निदेशक और संधिविज्ञान के उपाध्यक्ष, एमएचएच, एमडीएच के एमडी, एलेन हुस्नी के अनुसार, गर्भावस्था से पहले भी, एएस के साथ महिलाओं में बीमारी के कुछ प्रभावों का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है।

इसे भी पढ़ें : आत्मविश्वास के साथ Ankylosing Spondylitis का सामना करें

महिलाओं में अधिक सब्जेक्टिव रोग गतिविधि होती है, इसलिए कभी-कभी उन्हें पुरुषों की तुलना में अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को भी अधिक थकान और पैरिफेरल ज्वाइंट इन्वाल्वमेंट का अनुभव होता है। जिससे उनकी शारीरिक सक्रियता पर असर पड़ता है। हालांकि, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित नुकसान कम होता है।

हुस्नी कहते हैं, गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान, अधिक रोग गतिविधि होने से कई तरह के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। उच्च रोग गतिविधि होने से प्रजनन क्षमता कम हो सकती है और नकारात्मक परिणामों की उच्च संभावना से जुड़ी होती है,” जैसे कि समय से पहले प्रसव या जन्म के समय शिशु कम वजन।

आर्थराइटिस केयर एंड रिसर्च जर्नल में मई 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, एएस वाली महिलाओं को गर्भावस्था (pregnancy) में कई प्रतिकूल परिणामों के लिए आमतौर पर अधिक जोखिम होता है। इसमें नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में इलाज की आवश्यकता वाले उनके बच्चे का 67 प्रतिशत अधिक जोखिम शामिल है। इसके अलावा, एएस के बिना गर्भवती महिलाओं कीतुलना में, एएस के साथ, जिन्होंने रोग गतिविधि के सूचकांक में उच्च स्कोर किया था, उन्हें प्रसव के लिए सिजेरियन सेक्शन (सी-सेक्शन) की आवश्यकता होने की संभावना लगभग छह गुना पाई गई ।

इसे भी पढ़ें : इन बीमारियों के प्रति जागरूक रहें ankylosing Spondylitis मरीज

एएस वाली महिलाएं जिन्होंने अपने दूसरे तिमाही के दौरान कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स लिया था, समय से पहले प्रसव की संभावना चार गुना से अधिक थी। गर्भावस्था के दौरान एएस रोग गतिविधि का मूल्यांकन करने वाले कई अध्ययन अभी नहीं किये जा सके हैं लेकिन उपलब्ध सीमित आंकड़ों से पता चलता है कि कई महिलाएं सक्रिय बीमारी में वृद्धि का अनुभव करती हैं। रूमेटोलॉजी पत्रिका के मार्च 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन का यह निष्कर्ष था।

उस अध्ययन में, एक्सियल स्पोंडिलोआर्थराइटिस (an umbrella term for certain inflammatory spinal conditions, including ankylosing spondylitis) वाली महिलाओं की गर्भावस्था के पहले और बाद में सात अलग-अलग बिंदुओं पर उनकी रोग गतिविधि का मूल्यांकन किया गया था।

गर्भावस्था के दूसरे तिमाही के दौरान रोग गतिविधि और स्वयं-रिपोर्ट किए गए दर्द (self reported pain ) का उच्चतम स्तर पाया गया, जब 45 प्रतिशत महिलाओं में बीमारी सक्रीय (Active ) थी। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान शारीरिक गतिविधिया काफी प्रभावित पाई गई। शिशु को जन्म देने के छह सप्ताह बाद सेल्फ रिपोर्ट में उन्होंने बताया की गर्भावस्था की पहली तिमाही के मुकाबले उनका मानसिक स्वास्थय सबसे अच्छा रहा।

गर्भावस्था के दौरान एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज और कुछ दवाओं से जुड़े जोखिमों जैसे प्री टर्म डिलीवरी का मई 2019 के अध्ययन में उल्लेख किया गया है। बताया गया है कि एएस से पीड़ित महिलायें सिर्फ इसलिए गर्भवती होना चाहती हैं क्योंकि उन्हें इसकी दवाइयों का सेवन नहीं करना पड़े।

यह भी मिथक है कि गर्भावस्था के दौरान बीमारी के लक्षणों से राहत मिल जाती है। हुस्नी के अनुसार, यह अक्सर अवास्तविक और जोखिम भरा भी होता है। गर्भवती होने पर स्वास्थ्य जैसा भी हो आगे इसे और बेहतर करने की जरुरत पड़ती है। स्वस्थ रहने के लिए दवा नियमित रूप से लेने की आवश्यकता रहती है। इसके साथ ही अपने चिकित्सक के भी संपर्क में भी रहना होता है।

इसे भी पढ़ें : आंक्यलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस की ऐसे रोकें रफ़्तार

हुस्नी का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान एएस के लिए कौन सी दवा ली जा सकती है या नहीं, इसके बारे में कोई सख्त नियम नहीं हैं। महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि आपकी बीमारी की स्थिति रहे। बच्चे के स्वास्थ के लिहाज से गर्भवती को स्वस्थ रहने और आराम करने की आवश्यकता होती है। यह ध्यान रहे कि अगर बीमारी को शांत करने के लिए स्टेरॉयड का उपयोग करना पड़ता है, तो बच्चे के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है।

Pregnancy के लिए ऐसे बनायें योजना :

स्वस्थ गर्भावस्था आपके गर्भवती होने से पहले आपके द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर निर्भर कर सकती है। यदि आप गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो आपको इसका उल्लेख अपने रुमेटोलॉजिस्ट से करना चाहिए। सामान्य अमेरिकी आबादी में, दो गर्भधारण में से एक बिना योजना के होता है। यदि आपकी बीमारी बहुत सक्रिय है, तो प्रेग्नेंसी की योजना को टालना ही बेहतर विकल्प है। पहले रोग की गंभीरता और लक्षणों को नियंत्रित करने का प्रयास होना चाहिए।

इसके बाद गर्भधारण करने की योजना बनायें। अतिरिक्त तनाव की स्थिति एएस से पीड़ित महिला की गर्भावस्था को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से खुद की देखभाल करना और भी महत्वपूर्ण होता है। भरपूर नींद लेना, अपने दिन की समय से पहले योजना बनाना, पौष्टिक भोजन करना और कुछ व्यायाम करना अपने दिनचर्या में शामिल करें।

Pregnancy से पहले इसतरह योजना बनाएं AS से पीड़ित महिलाएं


Read : Latest Health News|Breaking News |Autoimmune Disease News |Latest Research | on https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Social Bar Menu on the Top of the Website.


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article