ट्रेन दुर्घटना का शिकार हो गया था किशोर
Crowdfunding : दिल्ली के एक कैब चालक का बेटा ट्रेन दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गया। वर्ष 2019 में हुए ट्रेन हादसे में किशोर की जान तो बच गई लेकिन दुर्घटना में हाथ-पैर गंवा बैठा। अब सामने यह चुनौती थी कि वह अपने जीवन का निर्वाह कैसे करेगा?
यह है पूरी कहानी
कक्षा नौ के छात्र देवांश ने 2019 में एक घातक ट्रेन दुर्घटना के बाद अपने तीन अंग खो दिए। स्कूल से लौटते समय वह रेलवे क्रॉसिंग पर गिर गया, जिससे वह ट्रैक पर फंस गया और रेलवे इंजन की चपेट में आ गया। दुर्घटना के तुरंत बाद उनका दाहिना पैर और दोनों हाथ काटने पड़े। जैसे ही दवाओं का प्रभाव कम हुआ, देवांश को अपनी स्थिति की कठोर वास्तविकता का सामना करना पड़ा।
वह कई दिनों तक गुमसुम रहा। देवांश की माता प्रियंका और पिता विनीत अपने बेटे की दुर्दशा देखकर टूट गए। परिवार आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं था कि आगे कुछ सोच सके।
इसके तुरंत बाद देवांश को एक कृत्रिम पैर मिला, जिससे वह चलने-फिरने में सक्षम हो गया। उस समय, डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि जब वह 18 वर्ष का हो जाए तब हाथ प्रत्यारोपण (rare double hand transplant) कर उसकी जीवन की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सकेगा।
Crowdfunding के जरिए लोगों ने दिखाई दरियादिली
अब सामने हाथ प्रत्यारोपण के लिए धन जुटाने की चुनौती थी। किसी के कहने पर देवांश के पिता ने क्राउडफंडिग (Crowdfunding) से राशि जुटाने का फैसला किया। हालांकि, हाथ के प्रत्यारोपण के लिए भारी धनराशि की जरूरत थी। इसलिए कैब चालक पिता ने मिलाप (Milap) के जरिए अपने बेटे के इलाज के लिए गुहार लगाई।
वर्ष 2019 में यह कोशिश शुरू हुई थी और पिछले चार साल में 4,700 दानदाताओं की उदारता की वजह से उन्होंने अपने बेटे के इलाज के लिए 90 लाख रुपये से अधिक की राशि जुटा ली। इस भारी योगदान की वजह से देवांश की सफल कृत्रिम पैर की सर्जरी (artificial leg surgery) हुई।
इसके अलावा वर्षों तक दवा और पोषण की व्यवस्था भी संभव हो पाई। वहीं हाल ही में दुर्लभ डबल आर्म प्रत्यारोपण (rare double arm transplant) भी संभव हो पाया। कुल मिलाकर देखा जाए तो क्राउड फंडिंग (Crowdfunding) ने किशोर को जीवन की नई आशा प्रदान की।
आपके छोटे योगदान से संवर सकती है किसी की जिंदगी
देवांश की मां ने अपने बेटे की कुशलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी लोगों का दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा, “दुखद ट्रेन दुर्घटना के बाद वर्षों की उम्मीद के बाद मेरे बेटे का इस नए साल की शुरुआत में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण हो गया है।
“मैं मिलाप और उन सभी दानदाताओं की बहुत आभारी हूं जिन्होंने मेरे बेटे और हमारे परिवार की सर्जरी को संभव बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की। मैं लोगों से यह भी अपील करना चाहूंगी कि वे एक-दूसरे की मदद करना जारी रखें, यह सुनिश्चित करें कि किसी को भी परेशानी न हो।
” देवांश की मां ने कहा कि लोगों के छोटे-छोटे योगदान से एक बडी राशि इकट्ठा हो पाया और इसकी बदौलत आज उनका बेटा अपने पैरों पर खडा है और हाथों से भी अब काम करने में सक्षम होगा।
उन्होंने कहा कि लोगों के इस योगदान से केवल मेरे बेटे को ही नई जिंदगी नहीं मिली है, बल्कि एक टूटते और निराश हुए परिवार को नई आशा मिल गई है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ ही समय में देवांश रिकवर हो जाएगा।