चार अस्पतालों ने अंतरिम बजट में 9000 करोड रुपए की मांग की
Delhi Aiims : दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों को अंतरिम बजट (interim budget 2024) से विशेष उम्मीद है। दिल्ली एम्स (Aiims Delhi) सहित केंद्र सरकार के चार अस्पतालों ने आगामी अंतरिम बजट में 9000 करोड रुपए की मांग की है।
अंतरिम बजट अगले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। अस्पतालों के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष अस्पतालों के हिस्से में आने वाली बजट राशि में 13 प्रतिशत तक की बढोत्तरी हो सकती है।
दिल्ली एम्स (Delhi Aiims) के अलावा राजधानी में सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital), लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (Lady Harding Medical College) और राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) हैं। पिछले केंद्रीय बजट में, इन चार अस्पतालों को ₹8,027 करोड़ का आउटले दिया गया था। इन सभी में से दिल्ली एम्स को सबसे ज्यादा बजट राशि प्राप्त हुई थी।
Delhi Aiims ने 4450 करोड मांगा
संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक देश का प्रमुख संस्थान होने की सूरत में इस बार एम्स दिल्ली ने 4450 करोड रुपए बजटीय आवंटन के रुप में मांग की है। यह राशि पिछले वर्ष आवंटित की गई बजट राशि के मुकाबले 7 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट (union budget) में एम्स को ₹4,134 करोड़ आवंटित किए गए थे। इसमें से अबतक एम्स को ₹3,720 करोड़ प्राप्त हो चुके हैं।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, मरीजों को बेहतर और उन्नत उपचार प्राप्त हो सके, इसलिए संस्थान लगातार अपनी सेवाओं में विस्तार कर रहा है। इस दिशा में कई योजनाएं शुरू की गई हैं और आगे भी कुछ जरूरी परियोजनाओं से सबंधित योजनाएं बनाई जाएगी। संस्थान में मानव संसाधन में भी बढोत्तरी की गई है, जिनमें अनुबंध के आधार पर नियुक्त कर्मचारी भी शामिल हैं।

बजट अपेक्षाओं मेें बढोत्तरी इन्हीं बिंदुओं का ध्यान रखते हुए की गई है। अधिकारी के मुताबिक संस्थान में हाल ही में नए भवनों की भी शुरूआत की गई है।
नए और पुराने भवनों के बेहतर रखरखाव के लिए बजट राशि में बढोत्तरी की अपेक्षा है। यहां बता दें कि एक स्वायत्त संस्थान (autonomous institute) होने की वजह से दिल्ली एम्स (Delhi Aiims) को अलग बजट राशि जारी की जाती है। यह राशि अन्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों (Central government run hospitals) से अधिक होती है।
Safdarjung Hospital को 2200 करोड की उम्मीद
दिल्ली एम्स (delhi aiims) के सामने स्थित सफदरजंग अस्पताल ने इसबार 2200 करोड रुपए की मांग की है। यह राशि बीते वित्त वर्ष की ₹1,853 करोड़ से करीब 18 प्रतिशत अधिक है। अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Health and Family Welfare) सफदरजंग अस्पताल का दर्जा बढ़ाने की कोशिश में जुटा है।
मंत्रालय सफदरजंग अस्पताल में और अधिक विभागों को शुरू करना चाहता है, ताकि दिल्ली एम्स को मरीजों के बोझ से कुछ हदतक राहत दिलााई जा सके।
सफदरजंग अस्पताल महिला स्वास्थ्य को लेकर विशेष रूप से फोकस कर रहा है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन स्त्री रोग विभाग को उन्नत करने में जुटा हुआ है। यही वजह है कि यूरोलॉजी जैसे अन्य विभाग भी समर्पित महिला ओपीडी पर ध्यान केंद्रित करने में जुटे हुए हैं। केवल इतना ही नहीं, नियमित और चुनिंदा सर्जरी, ओपीडी और सुपर स्पेशलिटी देखभाल के अलावा, सफदरजंग अस्पताल अपने परिसर में मुफ्त आयुर्वेदिक ओपीडी और होम्योपैथिक ओपीडी भी संचालित करता है। जानकारी के मुताबिक आगे भी सफदरजंग अस्पताल में कई जरूरी योजनाओं को अंजाम दिया जाएगा।
RML को चाहिए 1600 करोड
राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) प्रशासन के मुताबिक इस बार अंतरिम बजट (interim budget) से करीब ₹1,600 करोड़ मिलने की उम्मीद है। यह राशि पिछले वित्त वर्ष की बजट राशि ₹1,272 करोड़ के आवंटन की तुलना में करीब 25 प्रतिशत अधिक है।
इस अस्पताल में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और संसद सदस्यों के लिए एक नर्सिंग होम भी है। इसके अलावा आरएमएल (RML), लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के स्नातक छात्रों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र भी संचालित करता है।
Lady Hardinge Medical College (LHMC) को 825 करोड की आश
मातृ-शिशु स्वास्थ्य (maternal-child health) के लिहाज से विशेषज्ञता प्राप्त लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज ने इस बार ₹825 करोड़ के बजट की मांग की है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस बार की बजट राशि में करीब 7 प्रतिशत की बढोत्तरी की उम्मीद है। वर्ष 2023-24 में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC Hospital) को 768 करोड़ रुपये की बजट राशि प्रदान की गई थी।

इस संस्थान में महिलाओं के लिए स्नातक चिकित्सा शिक्षा, पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और महिलाओं और बच्चों के लिए चिकित्सा देखभाल प्रदान किया जाता है।
छात्रों को व्यापक व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए इस मेडिकल कॉलेज के पास सुचेता कृपलानी अस्पताल (Sucheta Kripalani Hospital) और कलावती सरन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल (Kalavati Saran Children Hospital) के रूप में दो संबद्ध अस्पताल (Affiliated Hospital) भी हैं। यहां स्कूल ऑफ नर्सिंग (School of Nursing) भी संचालित किया जाता है। यह स्कूल नर्सिंग और मिडवाइफरी पाठ्यक्रम (Nursing and Midwifery Courses) प्रदान करता है।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुभाष गिरी के मुताबिक बजट का एक बडा हिस्सा आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के भुगतान में खर्च हो जाता है। वेतन में करीब ₹250 करोड़ रुपए का व्यय होता है। शेष राशि भवनों के रखरखाव और प्रबंधन कार्यों के उद्देश्य से दिए जाते हैं।
इसके अलावा हम अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को और अधिक बेहतर और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से मैन पावर बढाने पर भी विचार कर रहे हैं। अस्पताल में विस्तार योजनाओं को भी समय से पूरा करने की चुनौती है। इन सबसे अस्पताल की सुविधाएं बेहतर होगी और मरीजों को इसका लाभ मिलेगा।