Saturday, July 27, 2024
HomeNewsNationalSickle Cell Disease : भारत ने तैयार की सिकल सेल Anemia की...

Sickle Cell Disease : भारत ने तैयार की सिकल सेल Anemia की दवा

विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक 7 करोड से अधिक आदिवासी इस गंभीर बीमारी (Sickle Cell Disease) से पीडित हो सकते हैं। इस गंभीर स्वास्थ्य चुनौती का ध्यान रखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने बजट 2023 के अपने भाषण में वर्ष 2047 तक इस बीमारी को भारत से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

2047 तक सिकल सेल रोग के उन्मूलन का लक्ष्य

Sickle Cell Disease medicine : भारत ने सिकल सेल एनीमिया की दवा (medicine for sickle cell anemia) तैयार कर ली है। यह उपलब्धि बहुत बडी राहत है। भारत के ग्रामीण आदिवासी इलाकों में इस स्वास्थ्य समस्या का सबसे अधिक प्रभाव देखा जा रहा है।
 
विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक 7 करोड से अधिक आदिवासी इस गंभीर बीमारी (Sickle Cell Disease) से पीडित हो सकते हैं। इस गंभीर स्वास्थ्य चुनौती का ध्यान रखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने बजट 2023 के अपने भाषण में वर्ष 2047 तक इस बीमारी को भारत से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। जुलाई 2023 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 की शुरुआत की थी।

Sickle Cell Disease : दवा तैयार करना बडी कामयाबी 

Sickle Cell Disease : भारत ने तैयार की सिकल सेल Anemia की दवा
भारत ने तैयार की सिकल सेल Anemia की दवा | Photo : Canva
सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anemia) की दवा तैयार करना बडी कामयाबी है। भारतीय कंपनी ने इस बीमारी की दवा तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस आशय में ट्वीट कर लोगों को जानकारी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस दवा को विकसित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 2023 में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (Sickle Cell Anemia Eradication Mission India) की शुरुआत की थी। दवा विकसित करने से सीधे तौर पर इसका लाभ आदिवासी बहनों, भाइयों और बच्चों के लिए होगा। इस रोग से अब जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा।
 
 

कम कीमत पर दवा होगी उपलब्ध

दवा निर्माता एकेयूएमएस (AKUMS) ने घोषणा की थी कि उन्होेंने देश का पहला स्वेदशी हाइड्रोक्सीयूरिया ओरल सॉल्यूशन  (First indigenous Hydroxyurea Oral Solution) विकसित करने में कामयाबी हासिल की है। इसका प्रयोग बच्चों में सिकल सेल रोग के उपचार (Treatment of sickle cell disease in children) के लिए किया जाएगा। कंपनी ने कहा है कि दवा सरकार को 600 रु. प्रति वायल की दर से उपलब्ध कराई जाएगी।
 
 
यह कीमत मौजूदा वैश्विक स्तर पर उपलब्ध दवा की कीमत 77,000 (प्रति वायल) का लगभग 1 प्रतिशत है। कंपनी ने यह जानकारी दी कि यह दवा कमरे के तापमान पर स्थिर रह सकती है। जबकि, दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाली ऐसी अन्य दवाओं के भंडारण के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता पडती है। कंपनी ने फिलहाल बाजार में दवा की  कीमत के बारे में जानकारी स्पष्ट नहीं की है।
 

सरकारी मिशन से लक्ष्य होगा आसान 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो इस दवा का विकास एक बडी सफलता है। सरकार सिकल सेल रोग मुक्ति से संबंधित अभियान (Sickle Cell Disease Freedom Campaign) भी चला रही है। जिससे आने वाले दशकों में इस रोग से छुटकारा पाने में काफी मदद मिल सकती है। सरकारी मिशन के तहत लोगों की स्क्रिीनिंग पर फोकस किया जा रहा है। जिससे इसके लक्षण को पहचान कर समय पर मरीजों का उपचार किया जा सके। यहां बता दें कि सिकल सेल डिजीज कई अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं की वजह बन सकता है।
 

क्या है सिकल सेल डिजीज 

विशेषज्ञों के मुताबिक सिकल सेल डिजीज एक वंशानुगत रक्त विकार (Sickle cell disease is a hereditary blood disorder) है। इसमें लाल रक्त कोशिकाएं विकृत हो जाती हैं। जिससे उनके ब्रेक डाउन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस बीमारी से पीडित मरीज में रक्त कोशिकाएं तेजी से मरने लगती है।
 
 
जिससे मरीजों में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी (sickle cell anaemia) होने लगती है। इस तरह के मरीजों को को बार-बार संक्रमण, दर्द और थकान जैसी स्थिति का सामना करना पडता है। इस रोग का समय रहते उपचार होना जरूरी है। इसके उपचार के तहत दवाओं के अलावा, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और कुछ गंभीर स्थितियों में बोन-मैरो ट्रांसप्लांट (bone marrow transplant) की आवश्ययकता पड सकती है।
 
 

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article