Normal Hemoglobin Level न हो तो किस तरह की हो सकती है परेशानी?
Normal Hemoglobin Level : हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो हमारे खून में पाया जाता है। यह हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं को ऑक्सीजन सप्लाई करता है। शरीर में मौजूद कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई बहाल करने के लिए शरीर में हिमोग्लोबिन का सामान्य स्तर में होना जरूरी होता है। इसकी मात्रा कम या अधिक होने पर शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की आपूर्ति पर असर पड सकता है।
हिमोग्लोबिन का स्तर पर प्रभावित होने पर कुछ तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड सकता है। इसके स्तर में कमी आने से शरीर में खून की कमी भी हो सकती है। महिला और पुरुष दोनों के शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल भिन्न होता है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों के शरीर में हिमोग्लोबिन अधिक मात्रा में होती है। हम यहां आपको महिलाओं और पुरुषों में हिमोग्लोबिन के नॉर्मल लेवल के बारे में बता रहे हैं।
Normal Hemoglobin Level
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की रिपोर्ट के मुताबिक एक वयस्क पुरुष में हीमोग्लोबिन का स्तर 14 से 18g/dL के बीच सामान्य माना गया है। वहीं, एक वयस्क महिला के रक्त में हीमोग्लोबिन की नॉर्मल मात्रा 12 से 16g/dl के बीच होनी चाहिए। शरीर में जब हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम होती है, तो उस व्यक्ति को एनीमिया से पीडित माना जाता है। उसके शरीर में खून की कमी हो जाती है।
एनीमिया की वजह बन सकता है कम हिमोग्लोबिन
एनीमिया एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें प्रभावित व्यकि्त के शरीर में ऑक्सीजनेटेड ब्लड की आपूर्ति कम हो जाती है। इस स्थिति में प्रभावित व्यक्ति कमजोरी और थकान महसूस करता है। सीवियर एनीमिया हार्ट और लंग्स की समस्या का कारण भी बन सकता है। इसलिए अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस हो तो हीमोग्लोबिन की जांच करानी चाहिए।
ऐसे बढा सकते हैं हिमोग्लोबिन का स्तर
हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ आयरन युक्त आहार लेने की सलाह देते हैं। आरयन हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढाने का काम करता है। हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ाने के लिए मछली, मीट, अंडा, चुकंदर, गाजर आदि को बेहद फायदेमंद माना जाता है। शाकाहारी लोगों के लिए फलियों, दालों, हरी सब्जियों, नट्स और सीड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इनमें आयरन की भरपूर मात्रा होती है। इन्हें नियमित आहार में शामिल कर एनीमिया के जोखिम से बचा जा सकता है।