Sunday, December 10, 2023
HomeLifeStyleSide Effects of Lead Poisoning : महंगे हो या सस्ते, वॉल पेंट...

Side Effects of Lead Poisoning : महंगे हो या सस्ते, वॉल पेंट से हो सकता है नुकसान, ऐसे करें बचाव

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए हानिकारक हो सकती है वॉल पेंट की स्मेल

Side Effects of Lead Poisoning : दीवाली आने वाली है और घर को सजाने और संवारने में लोग जुटे हुए हैं। ज्यादातर लोग दीवाली से पहले घर को सुंदर रंग देने के लिए वॉल पेंट करवाते हैं। लोग यही कोशिश करते हैं कि पेंट चाहे थोडा महंगा ही क्यों न हो लेकिन टिकाऊ और बेहतर होना चाहिए।

ज्यादातर लोगों को नहीं पता होता कि पेंट चाहे महंगा हो या सस्ता इसकी स्मेल किसी के लिए भी हानिकारक है। इसकी केमिकल युक्त स्मेल विशेषतौर से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को नुकसान (Side Effects of Lead Poisoning) पहुंचा सकती है। आप कहेंगे कि तो क्या हम घर की दीवारों पर पेंट ही न कराएं? हम ऐसा नहीं कह रहे हैं। हमारा उद्देश्य आपको इससे होने वाले नुकसान से बचाव के तरीके बताना है।

दीवार पर पेंट होने के बाद क्या आप हुए हैं एलर्जी के शिकार

ज्यादातर लोग यह गौर नहीं करते हैं लेकिन जब भी घर की दीवारों पर पेंट होता है, घर में कोई न कोई सदस्य सर्दी-जुकाम या एलर्जी से पीडित हो जाता है। आप सोचते हैं कि यह सीजन समस्या है लेकिन इसके पीछे आपके घर की दीवारों पर चढाया गया पेंट है, जिसकी स्मेल से एलर्जी (Side Effects of Lead Poisoning) जैसी समस्या होती है। नाक से पानी आना, बार-बार छींक आना, सिरदर्द, आंखों से पानी बहना, आंखे लाल होना इसके समान्य लक्षण है। कई बार प्रभावित मरीजों को बुखार जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

अध्ययन में हो चुकी है पुष्टि| Side Effects of Lead Poisoning

Side Effects of Lead Poisoning : महंगे हो या सस्ते, वॉल पेंट से हो सकता है नुकसान, ऐसे करें बचाव
Side Effects of Lead Poisoning : महंगे हो या सस्ते, वॉल पेंट से हो सकता है नुकसान, ऐसे करें बचाव| Photo : freepik

पेंट और इसके टॉक्सिक लिंक को लेकर हाल ही में एक अध्ययन की गई है। इंटरनेशनल पोल्यूटेंट इमल्शन नेटवर्क (IPEN) के साथ मिलकर 22 अक्तूबर से लेकर 28 अक्तूबर तक की गई है। अध्ययन के परिणाम चौंकाने वाले साबित हुए है। विशेषज्ञों के मुताबिक दीवार पर कराए गए पेंट की वजह से बच्चा मानसिक रूप से विक्षिप्त और मिर्गी का मरीज भी बन सकता है।

Also Read : Scarred Lips : ठंड से नहीं बल्कि इस वजह से फटते हैं होंठ

इस अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ है कि बाजार में मिल रहे विभिन्न प्रकार के पेंट में लेड की मात्रा अधिक है। अध्ययन की प्रक्रिया के तहत विभिन्न प्रकार के 18 से ज्यादा पेंट के सैंपल लिए गए थे। जब सैंपल की जांच की गई तो विशेषज्ञों ने यह पाया कि इसमें लेड की मात्रा 90 पीपीएम से अधिक है। जबकि लोकल पेंट में पीपीएम की मात्रा 2, 50,000 मिली है। पेंट में मिलने वाली लेड की यह मात्रा तय मानक से 2800 गुना अधिक है।

बच्चों के लिए घातक है लेड

विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर में लेड के पहुंचने का तीन जरिया है। यह सांस, स्पर्श और मुंह के रास्ते शरीर में पहुंच सकता है। सांस के जरिए लेड का शरीर के अंदर जाना सबसे अधिक घातक (Side Effects of Lead Poisoning) होता है। पेंट लें लेड की मात्रा उसके स्मेल में होती है। पेंट में लेड का इस्तेमाल इसकी चमक को बढाने के लिए किया जाता है।

जब यह सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करता है तो यह बेहद नुकसान कर सकता है। खासतौर से यह बच्चों के मानसिक विकास और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। पेंट में मौजूद लेड की वजह से बच्चों को फिट्स पड सकते हैं। वहीं, यह इनकी शारीरिक विकास को भी प्रभावित कर सकता है।

गर्भवती महिलाओं को भी लेड से जोखिम

डॉक्टरों के मुताबिक घर में पेंट कराने के दौरान गर्भवती महिलाओं को इससे दूर रखा जाना चाहिए। इससे गर्भ में पल रहे बच्चों पर दुप्रभाव (Side Effects of Lead Poisoning) पडने की आशंका रहती है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का शारीरिक विकास प्रभावित हो सकता है। दुष्प्रभाव की वजह से गर्भपात की भी नौबत आ सकती है।

Also Read : अधिक पढे-लिखे युवाओं को Depression का अधिक जोखिम : स्टडी

ऐसे कर सकते हैं बचाव

विशेषज्ञों के मुताबिक घर में अगर ताजा पेंट कराया गया है, तो गर्भवती महिलाओं को पेंट के स्मेल जाने तक वहां से दूर रखें। पेंट होने के बाद घर की अच्छे से सफाई कराएं, ताकि इधर-उधर बिखरे हुए पेंट का स्पर्श न हो सके। बच्चों को पेंट छूने से रोकें। जब तक पेंट की स्मेल रहे, तबतक घर में मास्क लगाकर रहें। इन सभी उपायों से पेंट से होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Ratnesh Singh
Ratnesh Singhhttps://caasindia.in
Ratnesh Singh is an Ankylosing Spondylitis warrior and has been facing AS for the past 12 years. Marketing manager by profession. Ratnesh is working as an AS Volunteer for the last 4 years.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article

41 वर्ष की उम्र में आप भी पा सकते हैं श्वेता तिवारी जैसी फिटनेस AS warriors को जरूर होनी चाहिए ये जानकारी Health Benifits of Mango : बीपी की समस्या से आराम दिलाएगा आम Health Tips : आपके भोजन में अगर यह सब है शामिल तो कैल्शियम कभी नहीं होगा कम