Saturday, July 27, 2024
HomeNewsNationalTraditional Medicine : पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का मेल ऑटोइम्यून बीमारियों और...

Traditional Medicine : पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का मेल ऑटोइम्यून बीमारियों और कैंसर पर कितना होगा कारगर? पता लगाएगी सरकार

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

Traditional Medicine : आईसीएमआर ने अनुसंधान प्रस्ताव मांगे

Traditional Medicine :  मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis), लीवर डिसऑर्डर (liver disorder) और कैंसर (Cancer) जैसी बीमारियों पर पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों का मेल (Combination of traditional medicine and modern medical methods) कितना कारगर होगा? क्या इन बीमारियों के उपचार में दोनों पद्धतियों की दवा को एक साथ जोडकर प्रयोग किया जा सकता है? भारतीय चिकित्सा परिषद (ICMR) और केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Union Ministry of AYUSH) ने इस बारे में पता लगाने का निर्णय लिया है।

इस आशय में जारी सरकारी दस्तावेज के मुताबिक, आईसीएमआर – बायोमेडिकल अनुसंधान के निर्माण, समन्वय और प्रचार के लिए भारत का शीर्ष निकाय और आयुष मंत्रालय ने लगभग 30 “प्राथमिकता” वाली बीमारियों की पहचान की है। इन बीमारियों के लिए चिकित्सा की दो प्रणालियों को एकीकृत करके उपचारात्मक और निवारक समाधान खोजने का प्रयास किया जाएगा। इस तरह के अनुसंधान के लिए आईसीएमआर ने प्रस्ताव की मांग की है।

Also Read : LNJP Hospital : अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की वेटिंग से मिलेगी कुछ राहत

यह अनुसंधान आयुष-आईसीएमआर एडवांस्ड सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव हेल्थ रिसर्च (AI-ACIHR) द्वारा किया जाएगा। इन केंद्रों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थापित किया जाएगा। जिसका उद्देश्य “आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके स्वास्थ्य के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में साक्ष्य उत्पन्न करके एकीकृत स्वास्थ्य (integrative health) पर उच्च प्रभाव अनुसंधान को बढ़ावा देना होगा। यहां बता दें कि चिकित्सा के पारंपरिक रूपों (traditional medicine) में आयुर्वेद (Ayurvedic Treatment), होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध पद्धतियां शामिल हैं।

29 फरवरी 2024 तक सबमिशन कर सकेंगे शोधार्थी

Traditional Medicine : पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का मेल ऑटोइम्यून बीमारियों और कैंसर पर कितना होगा कारगर? पता लगाएगी सरकार
Traditional Medicine : पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का मेल ऑटोइम्यून बीमारियों और कैंसर पर कितना होगा कारगर? पता लगाएगी सरकार| Photo : freepik

सरकारी दस्तावेज में यह कहा गया है कि इसका उद्देश्य चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों के बीच आपसी समझ और अनुसंधान के माहौल का उपयोग करना है। जिसके जरिए एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान (integrated health research) का लक्ष्य पूरा किया जा सके।

इसके अलावा अनुसंधानों की मदद से एकृकित चिकित्सा पद्धति (integrative medicine) के प्रभाव और उपयोगिता से संबंधित साक्ष्यों को इकट्ठा करना है। दस्तावेज़ में आईसीएमआर ने एक्स्ट्रामुरल रिसर्च प्रोग्राम (Extramural Research Program) के तहत एआई-एसीआईएचआर स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत संस्था चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्रों के भारतीय वैज्ञानिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

Also Read : Pollution से बचाव के साथ फेफड़ों की कार्य क्षमता बढाते हैं यह 11 उपाए

दस्तावेज में ”एक एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था (integrated health care system) की आवश्यकता जताई गई है, जो भविष्य में स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों का मार्गदर्शन करने में सक्षम हो। साथ ही यह भी कहा गया है कि ” परंपरागत चिकित्सा (traditional medicine) पद्धतियां (traditional medical practices) स्वदेशी चिकित्सा ज्ञान की समृद्ध विरासत है। इसका मजबूत बुनियादी ढांचा और समकालीन चिकित्सा (contemporary medicine) में कुशल कार्यबल की उपलब्धता भी है।

इस तरह के अनुसंधान से पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और एकिकृत चिकित्सा व्यवस्था को लेकर वैश्विक रूचि को दोबारा से पैदा किया जा सकता है। यहां बता दें कि इस साल की शुरुआत में ही आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर के बीच मंत्रालय स्तर पर एक समझौता ज्ञापन (एमओए) हुआ था। जिसका उद्देश्य एकीकृत स्वास्थ्य पर उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

प्राथमिकता वाली बीमारियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है

  • संचारी और गैर-संचारी
  • प्रजनन
  • मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और पोषण
  • ऑटोइम्यून रोग

परियोजना के तहत कवर होंगी ये बीमारियां

  • ट्यूबरक्लोसिस (TB)
  • वेक्टर जनित रोग (vector borne diseases)
  • पुरानी सांस की बीमारियां (chronic respiratory diseases)
  • मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे (mental health issues)
  • कुपोषण (malnutrition)
  • बौनापन (dwarfism)
  • कमजोरी और मोटापा (weakness and obesity)
  • संधिशोथ (rheumatoid arthritis)
  • सोरायसिस (Psoriasis)
  • कैंसर (Cancer)
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis)

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article